कालसर्प दोष की शांति के लिए सबसे खास दिन कोनसा हे?

इस दोष को दूर करने के लिए कालसर्प दोष पूजा की जाती है। यद्यपि यह पूजा वर्ष में कभी भी नासिक (त्र्यंबकेश्वर) और उज्जैन (महाकाल) में की जा सकती है, लेकिन यदि कुछ विशेष तिथि, नक्षत्र, दिन और त्योहार किए जाते हैं तो दोष पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।

जानिए ऐसे कौन से मुख्य दिन हैं जिनमें कालसर्प दोष पूजा करना श्रेष्ठ है। अमावस्या तिथि को कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में की जाती है। इनमें माघ अमावस्या, वैशाख अमावस्या, श्रावण अमावस्या और आश्विन अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) का विशेष महत्व है। इनमें भी यदि सोमवती या शनैश्चरी अमावस्या आती है, तो यह एक बेहतर संयोग बन जाता है।

नागपंचमी तिथि, जो श्रावण के महीने में आती है, को कालसर्प निवारण के लिए दूसरी सबसे अच्छी तिथि माना जाता है। नागपंचमी पर कालसर्प दोष की पूजा करने का भी विधान है।

पितृ पक्ष कालसर्प दोष की शांति पितृ पक्ष में किसी भी दिन करवाई जा सकती है। आश्विन कृष्ण पक्ष प्रथम से अमावस्या तक के 15 दिनों में कालसर्प दोष और पितृ दोष की शांति के लिए खास उपाय किए जा सकते हैं। कालसर्प दोष के बारे में आचार्यों का मत है कि यह पितृ दोष का ही एक स्वरूप है। इसलिए पितृपक्ष में इसकी शांति महत्वपूर्ण मानी गई है।

कालसर्प दोष पूजा पितृ पक्ष में किसी भी दिन किया जा सकता है। आश्विन कृष्ण पक्ष प्रथम से अमावस्या तक 15 दिनों में कालसर्प दोष और पितृ दोष की शांति के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं। कालसर्प दोष के बारे में, आचार्यों का मानना है कि यह पितृ दोष का एक रूप है। इसलिए पितृसत्ता में इसकी शांति महत्वपूर्ण मानी जाती है। अगर आप भी ऐसे ही चिंतित हैं तो हमारे उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित जी से संपर्क करें।

Published by kalsparpdosh

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