हर एक ग्रह की पूजा में उसकी पूजन सामग्री अलग अलग होती हे और उसमे मंगल भात पूजा सुप्रसिद्ध है।
मंगल को भात क्यों चढ़ाया जाता हे?
मंगल एक लाल ग्रह है, अग्नि का कारक है, और इसको अंगारक के नाम से भी पहचाना जाता है। यह ग्रह तेज अग्नि से परी पूर्ण है। इसकी वजेसे मंगलदोष से प्रभावित कुंडली वाले लोगो में आप अक्सर गुस्सा और चिडचिड़यापन देख सकते है। इसके निवारण के लिए “मंगल भात पूजा उज्जैन” प्रसिद्ध है।
भात यानी चावल की प्रकृति ठंडी होती है इसलिए मंगल को भात चढ़ाए जाते हैं, भात से मंगल को शांति मिलती है और वह भात पूजन करने वाले पर कृपा करते हैं। ठंडक मिलने से मंगल के दुष्प्रभाव स्वतः कम होते हैं। जयादा तर लोग “मंगल योग निवारण पूजा उज्जैन” से करते है।
भात पूजन की विधि
मंगलभात पूजा मे सबसे पहले गणेश गौरी पूजन, इसके पश्चात नवग्रह पूजन और इसके पश्चात् कलश पूजन एवं शिवलिंग रूप भगवान का पंचामृत पूजन एवं अभिषेक इसके पश्चात् भगवान को भात अर्पित करके आरती एवं पूजन भी किया जाता है इससे पूजा करने वाले को त्वरित और विशेष फलो की प्राप्ति होती हे, भात पूजा मंगल दोष निवारण का फायदेमन्द एवं त्वरित उपाय हे।